काश KOI अपना हो..तो #आईने जैसा !
जो हँसे भी साथ और #रोए भी साथ!!
जब रूह किसी #बोझ से थक जाती hy!
एहसास की लौ और भी बढ़ जाती hy!!
मैं बढ़ता हूँ #ज़िन्दगी की तरफ लेकिन!
JANJIR सी पाँव में छनक जाती hy!!
Bahut भीड़ hy #मोहब्बत के इस शहर में!
एक बार जो बिछड़ा #वापस नहीं मिलता!!
तेरे payar का #सिला हर हाल में देंगे!
खुदा भी मांगे ये DIL तो टाल देंगे!!
अगर DIL ने कहा तुम बेवफ़ा हो!
तो इस DIL को भी #सीने से निकाल देंगे!!
मीठी Rato में धीरे से आ जाती hy एक #परी!
कुछ ख़ुशी के सपने लाती एक परी!!
कहती hy कि सपनो के सागर में डूब जाओ!
भूल के सारे #दर्द जल्दी से सो जाओ!!
ग़म के #दरियाओं से मिलकर बना hy यह सागर!
आप क्यों इसमें समाने की #कोशिश करते हो!!
कुछ नहीं hy और इस जीवन में दर्द के सिवा!
आप क्यों इस #ज़िंदगी में आने की #कोशिश करते हो!!
उपर वाला भी अपना #आशिक hy!
इसीलिए तो किसिका होने नहि देता!!
नया दर्द एक और DIL में #जगा कर चल गया!
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया;!!
जिसे ढूंढ़ता रहा मैं लोगों की भीड़ में;!
मुझसे वो अपने आप को #छुपा कर चला गया!!
कल रात मैंने अपने सारे ग़म, कमरे की #दीवार पर लिख! डाले, बस फिर हम #सोते रहे और दीवारे रोती रही!!
मैंने पत्थरों को भी रोते देखा hy #झरने के रूप में!
मैंने पेड़ों को प्यासा देखा hy #सावन की धूप में!!
घुल-मिल कर बहुत रहते hyं लोग जो शातिर hyं बहुत!
मैंने अपनों को तनहा देखा hy #बेगानों के रूप में!!
मैंने पूछा कैसे जान जाते हो मेरे #DIL की बातें!
वो बोली जब #रूह में बसे हो फिर ये सवाल क्यूँ!!
रूठी हो अगर #ज़िंदगी तो मना लेंगे हम!
मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम!!
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो!
निकलते हुए #आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम!!
जब से वो #मशहूर हो गये hyं!
#हमसे कुछ दूर हो गये hy!!
मैं लोगों से #मुलाक़ातों के लम्हें याद रखता हूँ!
मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहज़े याद रखता हूँ!!
जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से!
जो सहारा देते hyं वो #कन्धे हमेशा याद रखता हूँ!!
किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे #लिख लेते हो, मैंने कहा! DIL तोड़ना पड़ता hy, लफ़्ज़ों को जोड़ने से पहले!!
ना जाने क्यूँ #नज़र लगी ज़माने की!
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की!!
तुम्हारा गुस्सा होना तो #जायज़ था!
हमारी आदत छूट गयी मनाने की!!
झूठी मोहब्बत, वफा के वादे, साथ #निभाने की कसमें! कितना कुछ करते hyं लोग सिर्फ वक्त गुजारने के लिए!!
माना कि तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा!
मगर रोने से ये #ग़म कभी कम न होगा!!
जीत ही लेंगे DIL की नाकाम बाजियां हम!
अगर #मोहब्बत में हमारी दम होगा!!
तेरी बेरुखी ने #छीन ली hy शरारतें मेरी..,!
और लोग समझते hyं कि मैं सुधर गया हूँ..!!
आओ किसी शब मुझे टूट के #बिखरता देखो!
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो!!
किस किस अदा से तुझे माँगा hy खुदा से!
आओ कभी मुझे #सजदों में सिसकता देखो!!
एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खत्म हो गया!
हम दोस्ती निभाते रहे और उसे #इश्क हो गया!!
काश यह #जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो #परायी न होती!!
दुआ करना दम भी उसी दिन निकले!
जिस दिन तेरे #DIL से हम निकले!!
बेनाम सा यह #दर्द ठहर क्यों नही जाता!
जो बीत गया hy वो गुज़र क्यों नही जाता!!
वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं!
जो दूर hy वो #DIL से उतर क्यों नही जाता।!!
गर शौक चढ़ा hy इश्क़ का तो #इम्तिहान देना तुम!
बारिश में भी मेरे अश्क़ों को पहचान लेना तुम!!
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने #सफ़र के हम hyं!
रुख हवाओं का जिधर का hy उधर के हम hy!!
पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता hy!
अपने ही घर में #किसी दूसरे घर के हम hyं!!
मोहब्बत की शतरंज में वो बड़ा #चालाक निकला!
DIL को मोहरा बना कर हमारी जिन्दगी छीन ली!!
कितना दर्द hy DIL में दिखाया नहीं जाता!
गंभीर hy #किस्सा सुनाया नहीं जाता!!
एक बार जी भर के देख लो इस #चहेरे को!
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!!
वो मेरा वहम था कि मैँने उसे, अपना हमसफर समझा!
वो चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की #तलाश में!!
वक्त नूर को बेनूर कर देता hy!
छोटे से जख्म को #नासूर कर देता hy!!
कौन चाहता hy #अपनों से दूर होना!
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता hy!!
बड़ी तब्दीलिया लाया हूँ अपने आप मे लेकिन!
बस तुमको याद करने की वो #आदत अब भी hy!!
ज़िंदा hy शाहजहाँ की चाहत अब तक!
गवाह hy मुमताज़ की #उल्फत अब तक!!
जाके देखो #ताज महल को ए दोस्तों!
पत्थर से टपकती hy मोहब्बत अब तक..!!
लगाई तो थी आग उसकी #तस्वीर में रात को!
सुबह देखा तो मेरा DIL छालों से भरा पड़ा था!!
कितनी आसानी से कह दिया तुमने!
की बस अब तुम मुझे #भूल जाओ!!
साफ साफ #लफ्जो मे कह दिया होता!
की बहुत जी लिये अब तुम मर जाओ!!
ज़्यादा कुछ नहीं बदला उसके और #मेरे बीच!
पहले नफरत नहीं थी और अब #प्यार नहीं hy!!
रोते रहे तुम भी, रोते रहे #हम भी!
कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी!!
ना जाने इस ज़माने को हमारे #इश्क़ से क्या नाराज़गी थी!
बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी!!
ना रोक कलम मुझे दर्द लिखने दे!
आज तो दर्द रोयेगा या फिर #दर्द देने वाला!!
DIL मेरा जो अगर रोया न होता!
हमने भी आँखों को #भिगोया न होता!!
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को!
ख़्वाब की #हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता!!
हमे #मालूम था अपनी DIL्लगी का नतीजा!
तभी मोहब्बत से पहले शायरी #सीखी hy हमने!!
तुम्हारे प्यार में हम बैठें hyं #चोट खाए!
जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये!!
फिर भी तेरे प्यार की #कसम खाके कहता हूँ!
हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये!!
जिनको #साथ नहीं देना होता!
वो अक्सर रूठ जाया करते hyं!!
लोगों से कह दो हमारी तक़दीर से #जलना छोड़ दें!
हम घर से खुदा की दुआ लेकर निकलते hyं!!
कोई न दे हमें खुश रहने की #दुआ तो भी कोई बात नहीं!
वैसे भी हमें खुशियां रास नहीं अक्सर इस वजह से लोग छूट जाते hyं!!
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की!
वरना, #मुहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी!!
अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश!
मुद्दतों जीस्त को #नाशाद किया hy मैंने!!
तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार!
DIL को हर तरह से #बर्बाद किया hy मैंने!!
सुनना चाहते hy एक बार आवाज उनकी !
मगर बात करने का #बहाना भी तो नहीं आता मुझे!!
आँख खुलते ही याद आ जाता hyं तेरा चेहरा...!
दिन की ये पहली #खुशी भी कमाल होती hy...!!
मेरे बिना रह ही जाएगी कोई न कोई कमी!
तुम जिंदगी को जितनी #मर्जी सँवार लेना!!
दर्द hy DIL में पर इसका #एहसास नहीं होता!
रोता hy DIL जब वो पास नहीं होता!!
बरबाद हो गए हम उनकी #मोहब्बत में!
और वो कहते hyं कि इस तरह प्यार नहीं होता!!
वहम था कि सारा #बाग अपना hy तूफ़ान के बाद!
पता चला सूखे पत्तों पर भी हक हवाओं का था!!
हर सितम सह कर कितने #गम छिपाए हमने!
तेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमने!!
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला!
बस तेरे दिए #ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने!!
बड़ी अजीब hy ये मोहब्बत!
वरना अभी उम्र ही क्या थी #शायरी करने की!
रोने की सज़ा न #रुलाने की सज़ा hy!
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा hy!!
हँसते hyं तो आँखों से निकल आते hyं आँसू!
ये उस शख्स से #DIL लगाने की सज़ा hy!!
DIL से बड़ी कोई #क़ब्र नहीं hy!
रोज़ कोई ना कोई एहसास दफ़न होता hy!!
कैसे बयान करें आलम DIL की #बेबसी का!
वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का!!
उनके चाहने वाले इतने हो गए hyं अब कि!
उन्हे अब #एहसास ही नहीं हमारी कमी का!!
दो कश #मोहब्बत के क्या लिये!
, जिंदगी ही धुँआ धुँआ हो गई!!
दर्द से हाथ न ₹मिलाते तो और क्या करते!
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते!!
उसने मांगी थी हमसे #रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!!
सिर्फ़ दो ही गवाह थे मेरी वफ़ा के!
एक वक्त जो गुज़र गया और एक वो जो #मुकर गया!!
वो रात दर्द और #सितम की रात होगी!
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी!!
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर!
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी #कायनात होगी!!
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते!
मुझसे #नाराज थे या मुझ जैसे हजारों थे!!
जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था!
हमसा कोई किस #जुर्म में आया भी न था!!
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी!
हमने तो किसी का DIL #दुखाया भी न था!!
भूली बिसरी सभी यादें #जला जाऊंगा!
थोड़ा दर्द थम जाने दो, मैं चला जाऊंगा!!
ना ये महफिल अजीब hy, ना ये मंजर अजीब hy!
जो उसने चलाया वो #खंजर अजीब hy!!
ना डूबने देता hy, ना उबरने देता hy!
उसकी #आँखों का वो समंदर अजीब hy!!
गया था मै तुझसे दुर #बहुत कुछ पाने के लिए ………!!
.पर सिवाए तेरी यादो के कुछ हासिल ना हुआ !!!!
मोहब्बत में किसी का #इंतजार मत करना!
हो सके तो किसी से प्यार मत करना!!
कुछ नहीं मिलता #मोहब्बत कर के!
खुद की ज़िन्दगी बेकार मत करना!!
तेरे सिवा कौन #समा सकता hy मेरे DIL में!
रूह भी गिरवी रख दी hy मैंने तेरी चाहत में!!
निकले हम कहाँ से और किधर निकले!
हर मोड़ पे #चौंकाए ऐसा अपना सफ़र निकले!!
तूने समझाया क्या रो-रो के अपनी बात!
तेरे #हमदर्द भी लेकिन बड़े बे-असर निकले!!
इतना दर्द तो खुदा ने भी नहीं लिखा होगा!
मेरी #क़िस्मत में, जितना दर्द तूने मुझे प्यार कर के दिया hy!!
एक टिप्पणी भेजें