शायरी

दीवाने हम नही केवल सारी दुनिया दीवानी है
मैं तो कहता हूं तू कोई जन्नत की निशानी है
छोटे अल्फाज़ पड़ जाते ऐसे तेरी जवानी है
पढूं कैसे तुंझे मैं अब तू एक आधी कहानी है
       ✍️✍️कवि हरिश तिवारी(बदनाम लेखनी)

Post a Comment

और नया पुराने