हैलो दोस्तो नमस्कार,
आज एक बार फिर हम इस post के माध्यम से राहत इंदौरी जी की कविता का संग्रह करने का प्रयास किया है।
Rahat indori ki top gajal मे से एक है।
तो आप लोग आनंद लीजिये
01
कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया
अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया
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रातों को चांदनी के भरोसें ना छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया
रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ
तुमने ज़रा सी बात को अखबार कर दिया
💟
इस बार एक और भी दीवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया
बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया
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दो गज सही ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया
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02
ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे
फरिश्ते आ के ख़्वाब मेँ हिसाब माँगने लगे
इधर किया करम किसी पे और इधर जता दिया
नमाज़ पढ़के आए और शराब माँगने लगे
सुख़नवरों ने ख़ुद बना दिया सुख़न को एक मज़ाक
ज़रा-सी दाद क्या मिली ख़िताब माँगने लगे
दिखाई जाने क्या दिया है जुगनुओं को ख़्वाब मेँ
खुली है जबसे आँख आफताब माँगने लगे
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03
मौसमो का ख़याल रखा करो
कुछ लहू मैं उबाल रखा करो
लाख सूरज से दोस्ताना हो
चंद जुगनू भी पाल रखा करो
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04
साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी
बुझते हुए दिए की तरह, जल रहे हैं हम
उम्रों की धुप, जिस्म का दरिया सुखा गयी
हैं हम भी आफताब, मगर ढल रहे हैं हम
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05
बीमार को मरज की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूं, पिला देनी चाहिए
अल्लाह बरकतों से नवाजेगा इश्क़ में
है जितनी पूंजी पास लगा देनी चाहिए
ये दिल किसी फ़क़ीर के हुजरे से कम नहीं
दुनिया यहीं पे ला के छुपा देनी चाहिए
Rahat indori gajal
मैं ताज हूं तो सर पे सजाएं लोग
मैं ख़्वाब हूं तो ख़्वाब उड़ा देनी चाहिए
सौदा यहीं पर होता है हिन्दुस्तान का
संसद भवन को आग लगा देनी चाहिए
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राहत इंदौरी की शायरी
Very good collection
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