शायरी

वो चाहती थी डूबना मेरे आंखों में
वो चाहती थी समाना मेरे हर बातों में
हमने ही न दी इजाजत उनको आने की
वो चाहती थी आना मेरे रोज रातों में
                                ✍️बदनाम लेखनी

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