शायरी

कहा समंदर कहा दरिया कहा उसकी दिललगी
साथ यारी देख इनकी अभी एक कसती जगी
हम तो आपसे इस तरह जोड़े है दिल का नाता
जैसे जन्मों जन्मों से चातक का स्वाति से बन्दगी
                         ✍️बदनाम लेखनी

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