शायरी

वो कहने लगे इस तरह से न आजमाओ  मुंझे
जो बातें बीत गयी है उनकी याद न दिलाओ मुझे।
अब बची है टूटते दिल की तमन्ना एक
हो सके तो फिर से दुल्हन के लहजे में सजाओ मुझे।

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