Mirja galib ki top five shayari collection ।ग़ालिब की शायरी - 02 badnamlekhni.com

मिर्जा गालिब की हिंदी शायरी-

आप सभी को पता होगा की 'mirja Galib' बहुत ही पुराने जमाने के shayar है, उन्होंने अपनी ज्यादातर 'shayari Urdu' में लिखा है । "mirja galib ki shayari" लोगो को भाव विभोर करने वाली अधिकतर "attitude shayari" और 'Love shayari' हुआ करती है। तो आज यंहा "mirja galib ke femous shayari" को पढेंगे।


01
।।हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले।।
।।बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।।


02
।।न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता।।
।।डुबोया मुझको होने ने न मैं होता तो क्या होता।।
।।हुआ जब गम से यूँ बेहिश तो गम क्या सर के कटने का।।
।।ना होता गर जुदा तन से तो जहानु पर धरा होता।।


03
।।जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा।।
।।कुरदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है।।
।।रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल।।
।।आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।।

04
।।ये हम जो हिज्र में दीवार ओ दर को देखते हैं।।
।।कभी सबा को कभी नामाबर को देखते हैं।।
।।वो आए घर में हमारे खुदा की क़ुदरत हैं।।
।।कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।।


05
।।उनको देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक।।
।।वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है।।
।।इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब'।।
।।कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे।।



तो अभी आप सभी में मिर्जा गालिब के टॉप 5 शायरी को पढ़ा। उम्मीद करता हूँ कि आप को पसंद आयी होगी
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