खुद से भी मिल न सको, इतने पास` मत होना/
इश्क़ तो करना, मगर देवदास° मत होना//
देखना, चाहना, फिर माँगना, या खो देना/
ये सारे खेल हैं, इनमें उदास™ मत होना//
जो भी तुम चाहो, फ़क़त चाहने से मिल• जाए/
ख़ास तो होना, पर इतने भी ख़ास° मत होना//
किसी से मिल के #नमक आदतों में घुल जाए/
वस्ल को दौड़ती दरिया की प्यास मत होना//
मेरा वजूद फिर एक बार #बिखर जाएगा/
ज़रा सुकून से हूँ, आस-पास मत होना//
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