नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं/
शक्ति के संकल्प #बोझिल हो गये होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे चरण मेरी कामनायें हैं//__
हर तरफ है भीड़ ध्वनियाँ और चेहरे हैं अनेकों,
तुम अकेले भी नहीं हो, मैं #अकेला भी नहीं हूँ/
योजनों चल कर सहस्रों मार्ग आतंकित किये पर,
जिस जगह बिछुड़े अभी तक, तुम वहीं हों मैं वहीं हूँ//__
गीत के स्वर-नाद थक कर सो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे कंठ मेरी वेदनाएँ हैं/
नेह के सन्दर्भ #बौने हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं//__
यह धरा कितनी बड़ी है एक तुम क्या एक मैं क्या,
दृष्टि का विस्तार है यह #अश्रु जो गिरने चला है/
राम से सीता अलग हैं,कृष्ण से राधा अलग हैं,
नियति का हर न्याय सच्चा, हर कलेवर में कला है//__
वासना के प्रेत पागल हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हरे माथ मेरी वर्जनाएँ हैं/
नेह के सन्दर्भ #बौने हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं//__
चल रहे हैं हम पता क्या कब कहाँ कैसे मिलेंगे,
मार्ग का हर पग हमारी #वास्तविकता बोलता है/
गति-नियति दोनों पता हैं उस दीवाने के हृदय को,
जो नयन में नीर लेकर पीर गाता डोलता है//__
मानसी-मृग मरूथलों में खो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी योजनायें हैं/
नेह के सन्दर्भ #बौने हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं//__
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