पवन ने कहा / कुमार विश्वास
-पवन ने कहा, सौंप दो मुझे/
अपना सब सत्व, तमस व रजत//
-चाहती हूँ मैं, स्वयं से जोड़ना/
तुमको, यही होगी गति उत्तम//
-शब्द सार्थक,: नियति उत्तम/
किन्तु मुझे करना, क्षमा तुम//
-मैं रहूंगी – वहीं, अपने चन्दन वन में/
बहूँगी वहीं, तुम्हारी™ धरती पर//
-आ नहीं सकती, अभी मैं/
कभी मैं, किन्तु फिर भी//
-मैं सदा उत्सुक हूँ, तुमसे सहज/
व्यापार हेतु, यार हेतु//
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