जवानी में कई ग़ज़ले - Dr. कुमार विश्वास / jawani ke kai gajale - dr. kumar vishwas


नमस्कार, आप इस समय बदनाम लेखनी के पेज पर है।
आज इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए है, dr Kumar Vishwas Ji की एक और रचना----


जवानी  में कई #ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं।
कई ख्वाहिश तो दिल ही दिल में पूरी` छूत जाती हैं।
जुदाई में तो मैं उससे #मुक्कमल बात करता हूँ।।
मुलाकातों में सब बातें अधूरी छूट जातीं हैं।।

जो मैं या तुम समझ लें वो #इशारा कर लिया मैनें।।।
भरोसा` बस तुम्हारा था तुम्हारा` कर लिया मैंने।।।
लहर है, हौंसला है , रब है, #हिम्मत है, दुआयें हैं।।।।
किनारा करने वालों से किनारा` कर लिया मैंने।।।।



कविता का English version

javaanee  mein kaee #gazalen adhooree chhoot jaatee hain.
kaee khvaahish to dil hee dil mein pooree` chhoot jaatee hain.
judaee mein to main usase #mukkamal baat karata hoon..
mulaakaaton mein sab baaten adhooree chhoot jaateen hain..

jo main ya tum samajh len vo #ishaara kar liya mainen...
bharosa` bas tumhaara tha tumhaara` kar liya mainne...
lahar hai, haunsala hai , rab hai, #himmat hai, duaayen hain....
kinaara karane vaalon se kinaara` kar liya mainne....


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