Riste bas riste hote hai - guljar shahab


रिश्ते बस रिश्ते होते है।
कुछ एक पल के, कुछ दो पल के।।

कुछ परो के हल्के होते हैं।
बरसो तले चलते चलते, भारी भरकम हो जाते हैं।।

कुछ भारी भरकम बर्फ के से
बरसो तले गलते गलते, हलके फुल्के हो जाते हैं।।

नाम के होते हैं रिश्तो के, कुछ रिश्ते नाम के होते हैं।
रिश्ता वह गर मर जाते भी, बस नाम से जीना होता है।।

रिश्ते बस रिश्ते होते है।
बस नाम से जीना होता है।।

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