इश्क़ शायरी ishq shayari

               Ishq

” इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोगदिल की जगहजिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..” 


वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे,तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे,रहेगी तेरी मुहब्बत मेरी जिंदगी बन कर,वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे.


खुद को कुछ इस तरह तबाह किया,इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया,जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम,दिल का सौदा किया बेवजह किया


हम तो जल गये उसकी मोहब्बत मेंमोमकी तरह,अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे…तोउसकी वफ़ा को सलाम.


खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं,चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं


सपना कभी साकार नहीं होता,मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता,सब कुछ हो जाता है इस दुनियां में,मगर दोबारा किसी से प्यार नहीं होता।. 


टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता,इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता,ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता,की टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता


करते हैं हम तुमसे मोहब्बत,हमारी खता यह माफ़ करना,है अगर बदनाम मोहब्बत हमारी,तुम प्यार को बदनाम मत करना

तनहाइयों मे मुस्कुराना इश्क़ है,एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,यूँ तो नींद नही आती हमें रात भर,मगर सोते सोते जागना और जागते जागते सोना इश्क़ है|


मोहब्बत के खर्चो की बड़ी लंबी कहानी है,कभी फिल्म दिखानी है तो कभी शोपिंग करानी है,मास्टर रोज कहता है कहाँ है फीस के पैसे?उसे समझाऊं मैं कैसे की मुझे छोरी पटानी है!! 


आपकी नशीली यादों में डूबकर,हमने इश्क की गहराई को समझा,आप तो दे रहे थे धोखा और,हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।


मोहब्बत की गवाही अपनेहोने की ख़बर ले जा…जिधर वो शख़्स रहता हैमुझे ऐ दिल! उधर ले जा


सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता


जिस जिस ने मुहब्बत में,अपने महबूब को खुदा कर दिया,खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,उनको जुदा कर दिया| 



पढ़ रहा हूँ मै..इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों,ग़र बन गया वकील तो..बेवफाओं की खैर नही


मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।


दिल से खेलना हमे आता नहीं,इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए,शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें,इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए


मौहब्बत की मिसाल में,बस इतना ही कहूँगा ।बेमिसाल सज़ा है,किसी बेगुनाह के लिए ।


दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे,गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है,हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।


हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला|

इश्क़ में कोई खोज नहीं होती,यह हर किसी से हर रोज नहीं होती,अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना,क्योंकि पलके कभी आँखों पर बोझ नहीं होती.


मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुमअरे ओ पागल…मोहब्बत खुद तलाश करती है…जिसे बर्बाद करना हो| 


तुम ….दो बूँद इश्क ले आओ,हम मोहब्बतों का समन्दर ले आते हैं….तुम थोड़ी सी हलचल मचाओ,हम चाहतों का …..बवंडर ले आते है


मोह्ब्बत किसी ऐसे सख्स की तलाश नही करतीजिसके साथ रहा जाये,मोह्ब्बत तो ऐसे सख्स की तलाश करती हेजिसके बगेर रहा न जाये।


वो करते हैं बात इश्क़ की,पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं,इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,पर उसे पाना सब के बस की बात नही..


मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,कभी कबीरा दीवाना था ,कभी मीरा दीवानी है,यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं,जो तू समझे मोती है जो न समझे तो पानी है|


Post a Comment

और नया पुराने