तू शब्दों का दास रे जोगी। तेरा कहाँ विश्वास रे जोगी।। - Rahat Indori top Gajal in hindi and english subtitle. badnam lekhni

नमस्कार दोस्तों ,
इस Post में हम आपके लिए लेकर आये है इस बार rahat indori ki kavita aur shayari। 

तो पढ़िए आप लोग इस ग़ज़ल को और आनन्द उठाइये

हिंदी में --
तू शब्दों का दास रे जोगी।
तेरा कहाँ विश्वास रे जोगी।।

इक दिन विष का प्याला पी जा।
फिर न लगेगी प्यास रे जोगी।।

ये सांसों का बन्दी जीवन।
किसको आया रास रे जोगी।।

विधवा हो गई सारी नगरी।
कौन चला वनवास रे जोगी।।

पुर आई थी मन की नदिया।
बह गए सब एहसास रे जोगी।।

इक पल के सुख की क्या क़ीमत।
दुख है बारह मास रे जोगी।।

बस्ती पीछा कब छोड़ेगी।
लाख धरे सन्यास रे जोगी।।
Rahat indori poetry shayari

English version

Tu shabdo ka das re jogi.
Tera kaha vishwas re jogi.

Ek din vish ka pyala pii jaa.
Phir naa lagegi pyas re jogi.

Ye sanso ka bandi jiwan.
Kisko aaya ras re jogi.

Vidhwa ho gai sari nagari.
Kon chala vanvas re jogi .

Ek pal ke sukh ki kya kimat.
Dukh hy barah mas re jogi.

Basti pucha kab chodegi.
Lakh dhare sanyas re jogi.


तो दोस्तों कैसी लगी आपको Rahat Indori poetry। अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसी तरह के और पोस्ट पढ़ने के लिए सर्च इंजन में राहत इन्दौरी लिख के सर्च करे।
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धन्यवाद

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