कहते थे सब कोई, तू शर्मीला बहुत है
पता चला है आज, तू नखरीला बहुत है
आशिक़ है हम तेरे, दिखा हज़ार नखरे
लिपटेगें तीन लेकर, दामन से फिर तेरे
किस्से सुने तेरे बचपन से बहुत मैंने
जाने कितनों को खिलाया है दूध भात तूने
अहसान दूध भात का हम अदा भी करेंगे
ठहरो पल भर और तुम्हे तुम्हारे घर पे मिलेंगे
कल इसरो कह रहा था, थोड़ा सा चुके हम
ढांढस बंधाया सबने, कुछ और सीखे तुम
उत्सुक है देश सारा, आवेशित हरीश हम
करो तैयारी तीन की, कम किसी से नही हम
कल फिर हम डेरे पे चांद के
गाड़ेंगें तिरंगा कल जमीं पे चांद के
खाएंगे दूध भात कल कटोरे में चाँद पे
नाचेंगे देश वासी कल डीजे पे चाँद पे
✍️kavi tiwariharish
📱7007987630
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