ओ प्रीत भरे, संगीत भरे ,ओ मेरे पहले प्यार ।
मुझे तू याद न आया कर ।।
ओ शक्ति भरे, अनुरक्ती भरे, नस नस के पहले ज्वार ।
मुझे तू याद न आया कर ।।
पवास की प्रथम फुहारों से, जिसने मुझको कुछ बोल दिए
मेरे आंसू मुस्कानों की कीमत पर जिसमें तोल दिए
जिसने अहसास दिया मुझको मै अम्बर तक उठ सकता हूं
जिसने खुद को बांधा लेकिन मेरे सब बंधन खोल दिए
ओ अनजाने आकर्षण से, ओ पावन मधुर समर्पण से
मेरे गीतों के सार ,तू याद न आया कर
मुझे पता चला मधुरे तू भी पागल बन रोती है
जो पीड़ा मेरे अंतर में तेरे दिल में होती है
लेकिन इन बातों से किंचित भी अपना धैर्य नहीं खोना
मेरे मन की सिपी में अब तक तेरे मन के मोती है
ओ सहज सरल पलको वाले
ओ कुंचित घन अलको वाले
हंसते गाते स्वीकार मुझे तू याद न आया कर
ओ मेरे पहले प्यार मुझे तू याद न आया कर
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